केंद्र सरकार ने लॉन्च किया नया “आधार ऐप” बीटा वर्जन: Face ID और AI टेक्नोलॉजी से होगा डेटा सुरक्षित, भौतिक कार्ड की नहीं पड़ेगी जरूरत

केंद्र सरकार ने लॉन्च किया नया “आधार ऐप” बीटा वर्जन: Face ID और AI टेक्नोलॉजी से होगा डेटा सुरक्षित, भौतिक कार्ड की नहीं पड़ेगी जरूरत

नई दिल्ली: डिजिटल इंडिया (Digital India) के तहत केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए नए “आधार ऐप” का बीटा वर्जन (Aadhaar App Beta Version) लॉन्च कर दिया है। इस ऐप को 8 अप्रैल को केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने जनता के टेस्टिंग के लिए रिलीज किया। यह ऐप आधार सेवाओं को पूरी तरह मोबाइल-फर्स्ट बनाने और डेटा सुरक्षा (Data Security) को अधिक मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। नए फीचर्स में फेस आईडी ऑथेंटिकेशन (Face ID Authentication), एआई-पावर्ड रिस्क डिटेक्शन (AI-Powered Risk Detection), और यूज़र-कंट्रोल्ड डेटा शेयरिंग (User-Controlled Data Sharing) शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि यह ऐप “भारत को डिजिटल सुपरपावर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर है।”


ऐप के प्रमुख फीचर्स: फेस आईडी से लेकर QR कोड वेरिफिकेशन तक

  1. फेस आईडी ऑथेंटिकेशन: यूज़र अब अपने आधार को वेरिफाई करने के लिए फेस स्कैन (Real-Time Face Scan) का इस्तेमाल कर सकेंगे। यह सुविधा एलिवेन मॉर्फिंग (AI-Powered Liveness Detection) तकनीक पर आधारित है, जो फोटो या वीडियो के जरिए धोखाधड़ी को रोकेगी।
  2. QR कोड बेस्ड इंस्टेंट वेरिफिकेशन: होटल चेक-इन, एयरपोर्ट सिक्योरिटी, या दुकानों पर केवाईसी (KYC) के लिए अब QR कोड स्कैन करने से काम चल जाएगा। भौतिक आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी की जरूरत नहीं होगी।
  3. डेटा मिनिमाइजेशन: यूज़र तय कर सकेंगे कि वे कौन सी जानकारी (जैसे नाम, पता, या फोटो) शेयर करना चाहते हैं। ऐप “परमिशन-बेस्ड डेटा एक्सेस” (Permission-Based Access) सुनिश्चित करेगा।
  4. ऑफलाइन मोड: नेटवर्क न होने पर भी यूज़र अपना आधार डिटेल्स दिखा सकेंगे।

वैष्णव का बयान: “डेटा सुरक्षा हमारी टॉप प्राथमिकता”

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लॉन्च इवेंट के दौरान कहा, “यह ऐप डिजिटल इंडिया का नया चेहरा है। हमने इसे इस तरह डिज़ाइन किया है कि नागरिकों को अपने डेटा पर पूरा कंट्रोल (Data Sovereignty) मिले।” उन्होंने बताया कि नया ऐप यूआईडीएआई (UIDAI) के सर्वर के साथ एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (End-to-End Encryption) का इस्तेमाल करता है, जिससे डेटा लीक या हैकिंग का खतरा नहीं रहेगा। “हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके ऐप में ऑटोमेटेड अनॉथराइज्ड एक्सेस अटेम्प्ट (Unauthorized Access Attempt) को डिटेक्ट करने की सुविधा भी जोड़ी है,” उन्होंने कहा।


टेक्नोलॉजी ब्रेकडाउन: कैसे काम करेगी एआई और बायोमेट्रिक सिक्योरिटी?

नए आधार ऐप की बैकएंड टेक्नोलॉजी को आईआईटी मद्रास (IIT Madras) और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर डेवलप किया गया है। इसमें इस्तेमाल हुई एआई मॉडल्स (AI Models) यूज़र के फेस स्कैन को 1 सेकंड के अंदर आधार डेटाबेस से मैच करती हैं। साथ ही, यह सिस्टम “डायनामिक रिस्क असेसमेंट” (Dynamic Risk Assessment) करता है—जैसे अगर कोई यूज़र अचानक देश के दूसरे कोने में लॉगिन करे, तो ऐप अतिरिक्त ऑथेंटिकेशन (Multi-Factor Authentication) मांगेगा।

इसके अलावा, ऐप में “वर्चुअल आधार” (Virtual Aadhaar) का फीचर भी है, जहां यूज़र अपने आधार नंबर को छुपाकर एक टेम्पररी आईडी (Temporary Digital ID) जनरेट कर सकते हैं। यह आईडी 24 घंटे के बाद ऑटोमेटिक डिलीट हो जाएगी।


क्या हैं ऐप के फायदे? नागरिकों और व्यवसायों के लिए बदलाव

  • नागरिकों के लिए:
    • भौतिक कार्ड खोने या फोटोकॉपी गुम होने का डर खत्म।
    • बैंक, सिम कार्ड, या गैस कनेक्शन के लिए घर बैठे ई-केवाईसी (e-KYC)।
    • डेटा शेयरिंग पर पूरा नियंत्रण—जैसे केवल जन्म तिथि शेयर करना।
  • व्यवसायों के लिए:
    • होटल और एयरलाइंस QR कोड स्कैन से तुरंत वेरिफिकेशन कर सकेंगे।
    • ऑनबोर्डिंग प्रोसेस (Customer Onboarding) 70% तक तेज होगा।
    • फर्जी आईडी (Fake ID Fraud) के केसेस में कमी आएगी।

डेटा प्राइवेसी पर सवाल? विशेषज्ञों की राय

साइबर लॉ एक्सपर्ट प्रशांत मिश्रा कहते हैं, “फेस आईडी और एआई का इस्तेमाल सुरक्षा बढ़ाता है, लेकिन बायोमेट्रिक डेटा (Biometric Data Storage) को स्टोर करने का तरीका स्पष्ट होना चाहिए। यूआईडीएआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि डेटा क्लाउड (Cloud Servers) पर नहीं, बल्कि यूज़र के डिवाइस पर लोकल एन्क्रिप्टेड फॉर्म में रहे।”

वहीं, डेटा प्राइवेसी एक्टिविस्ट्स ने चिंता जताई है कि सरकार को “डिजिटल सर्विलांस” (Digital Surveillance) के लिए इस ऐप का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। इस पर वैष्णव ने जवाब दिया, “हमने ऐप को डिज़ाइन करते समय सुप्रीम कोर्ट के Puttaswamy जजमेंट (Right to Privacy) को ध्यान में रखा है।”


बीटा टेस्टिंग और फ्यूचर प्लान: कब तक मिलेगा पब्लिक एक्सेस?

यह ऐप अभी बीटा टेस्टिंग फेज (Beta Testing Phase) में है और इसे 5 लाख यूज़र्स तक लिमिटेड एक्सेस दिया गया है। यूआईडीएआई ने बताया कि फीडबैक के आधार पर जून 2025 तक फाइनल वर्जन (Final Aadhaar App Launch) लॉन्च किया जाएगा। अगले चरण में ऐप को डिजिटल हेल्थ आईडी (Digital Health ID) और ड्राइविंग लाइसेंस (Digital Driving License) से भी जोड़ा जाएगा।


यूज़र रिएक्शन: “सुविधाजनक, पर भरोसा कर पाएंगे?”

सोशल मीडिया पर ऐप को लेकर यूज़र्स ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने ट्वीट किया, “अब हर जगह आधार दिखाने की झंझट खत्म! लेकिन क्या सरकार हमारे फेस डेटा को सुरक्षित रख पाएगी?” वहीं, कुछ टेक-सैवी यूजर्स ने ऐप की AI टेक्नोलॉजी और यूजर इंटरफेस (User Interface) की तारीफ की।


निष्कर्ष

नया आधार ऐप नागरिकों को सशक्त बनाने और सरकारी सेवाओं को पेपरलेस बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हालांकि, इसकी सफलता डेटा सुरक्षा (Data Security) और जनता के भरोसे पर निर्भर करेगी। अगर सभी चुनौतियों को पार कर लिया गया, तो यह ऐप भारत को वैश्विक डिजिटल लीडर (Global Digital Leader) बनाने में मददगार साबित होगा।

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