फीडर विभक्तिकरण योजना अंतर्गत अवार्ड न. MD/EZ/FS/F-13/LOT-15R/ORD/497 Jabalpur dt. 04.03.2016; ठेका प्राप्त कंपनी मेसर्स प्रोसैस कन्स्ट्रकशन & टेक्निकल सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा जिला नरसिंहपुर मे अपूर्ण कार्य को पूर्ण दिखा कर संपादित कार्यो मे अधूरी और अनाधिकृत सामाग्री लगा कर, गुणवत्ताहीन, फीडर मे कार्य के लिए प्रस्तावित ग्रामों मे केवल एक तिहाई ग्रामों मे सिर्फ कार्य कर झूठे कंप्लीसन सर्टिफिकेट प्राप्त कर संपादित कार्यो से ज्यादा मापन दिखा कर परियोजना की निगरानी और सलाहकार कंपनी के अधिकारी के साथ मिल कर करोड़ो के फर्जी बिल लगाय जा रहे है
उपरोक्त विषयांतर्गत, फीडर विभक्तिकरण योजना अंतर्गत ठेका प्राप्त कंपनी मेसर्स प्रोसैस कन्स्ट्रकशन & टेक्निकल सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड को अनुबंध अनुसार अवार्ड प्राप्ति की तारीख 04.03.2016 से अठारह महीने के अंदर सम्पूर्ण कार्य सामाग्री सहित संपादित कर कार्य समाप्त करना था, पर समय मे इनके द्वारा सामाग्री ना उपलब्ध करा पाने पर कई बार विभाग द्वारा रिस्क & कोस्ट के तहत सामाग्री उपलब्ध कराई गई जिसमे मुख्य तौर पर सामाग्री रही 1) ए बी केबल:- 100Km; 2) एनर्जि मीटर :- 7500 नग(लगभग); 3) 100kva distribution box:- 150 नग (लगभग); 4) एल.टी.टी.वी.एम मीटर:- 120 नग (लगभग); और अन्य उपयोगी सामाग्री । इन सबके बावजूद कंपनी को आवंटित 110 नग फीडर मे कई फीडर मे कार्य शेष होते हुए विभाग को गुमराह करते हुए लगभग सारे फीडरो के कंप्लीसन सर्टिफिकेट प्राप्त कर थोक मे बिल प्रेषित कर बिना कंजूयमर इंडेक्सिंग और एल.टी.टी.वी.एम मीटर रीडिंग आर.एम.एस. मे पंच किए Operational Acceptance प्राप्त किए जारहे है जिसकी संक्षिप्त जानकारी निम्नानुसार है:-
Table of Contents
I. अपूर्ण कार्य को पूर्ण दिखाया गया:-
ठेका प्राप्त कंपनी को आवंटित 110 फीडरो मे 53 नग फीडरो मे सेपरेसन का कार्य संपादित होना था और बचे 57 फीडरो मे सेनीटाइजेसन अंतर्गत कार्य संपादित होने थे आज दिनाँक 20.03.2020 तक 110 फीडरो मे संपादित कार्य पूर्ण घोषित कर दिया गया, परन्तु दर्जन भर से ज्यादा ऐसे सेपरेसन वाले फीडर है जिनके अधिकतर ग्राम अभी भी मिक्स लोड पर संचालित है केबल और मीटर का कार्य लंबित है वो इस प्रकार है:-

अब सेनीटाइजेसन वाले ऐसे 57 फीडर जिसमे कई फीडरो के अंतर्गत आने वाले ग्राम जहाँ केबल और मीटर का कार्य बचा हुआ है, वो इस प्रकार है:-

II. गुणवत्ताहीन कार्य :-
- एच.टी. लाइन के कार्यो मे गुणवत्ताहीन कार्य:- एच.टी. लाइन खड़े किए जाने वाले सिंगल पोल पर लगने वाला बेस प्लेट (पथ्तर की चीप) कही पर भी नहीं डाली गयी । पर हर एक बिल पर बेस प्लेट क्लैम दिखा कर पूर्ण भुगतान प्राप्त किया गया और किया जा रहा है।
- एच.टी. लाइन के सिंगल पोल और डबल पोल स्ट्रक्चर पर डाली जाने वाली अर्थिङ्ग कोइल केवल 10% प्रतिशत जगह डाली गयी है वो भी कटी हुई, अर्थिङ्ग करने के नियामक अनुसार पोल की टॉप अर्थिङ्ग 8 एसडबल्यूजी जी.आई. वायर से करके ऊपर पोल पर निकले हुक से जोड़ा जाना था और नियमानुसार अर्थिङ्ग कोइल को पोल से निकले हुक से जोड़ा जाना था, पर ऐसा किया नहीं गया जिससे कभी भी फ़ाल्ट के कंडिशन पर करेंट पोल पर आगया तो किसी भी जानवर या मनुष्य पोल के संपर्क पर आने पर कई मौत हो चुकी है और हो सकती है ।
- एच.टी. लाइन मे डी.पी. स्ट्रक्चर पर पोल की 1:3:6 के रैशियो से जमीन से नीचे की ओर 5 फीट और ऊपर 1 फीट सीमेंट कांक्रीट करना था, परंतु ठेकेदार कंपनी द्वारा केवल मफिंग की वो भी कुछ ही जगह मात्र, पर हर एक बिल पर कांक्रीट की पूरी मात्रा दिखा कर पूर्ण भुगतान प्राप्त किया गया और किया जा रहा है।
- नय 25 केवीए ट्रान्स्फ़ोर्मर और उसके स्ट्रक्चर के अर्थिङ्ग कार्य के लिए उपयोग होने वाली अर्थिङ्ग पाइप जिसकी साइज़ स्टैंडर्ड तौर पर 2500mm लगभग 8.5 फीट होती है जिसे ठेकेदार कंपनी द्वारा पाइप आधा काट कर कम गहराई पर गाड़ दिया गया, जिसकी वजह से अधिकांश ट्रांस्फर्मर फ़ेल या जल जाते है, परंतु कंपनी भुगतान पूरा प्राप्त कर रही है ।
- स्टे सेट जो की पोल के सपोर्ट मे लगाया जाता है, स्टे सेट पर लगने वाला स्टे राड जोकि जमीन से 5 फीट नीचे लगाया जाता है जिसमे एच.टी. के सिंगल पोल मे स्टे राड मे तीन बेस प्लेट(पथ्तर की चीप), एल.टी. के सिंगल पोल मे स्टे राड मे दो बेस प्लेट(पथ्तर की चीप) और डी.पी. स्ट्रक्चर पर स्टे राड पर 0.3 cmt कांक्रीट डालना या करना पड़ता है पर ठेकेदार कंपनी द्वारा कही पर भी ये मानक नहीं पूर्ण किया जिसका संघठन चुनौती के साथ साबित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- एल.टी. लाइन मे खड़े किए जाने वाले पोल पर लगने वाला बेस प्लेट (पथ्तर की चीप) कही पर भी नहीं डाली गयी । पर हर एक बिल पर बेस प्लेट क्लैम दिखा कर पूर्ण भुगतान प्राप्त किया गया और किया जा रहा है।
- एल.टी. लाइन मे खड़े किए जाने वाले नए पोल पर कही भी अर्थिङ्ग कोइल नहीं डाली गयी।
- ठेकेदार द्वारा एल.टी. कबलिंग के दौरान पुराने पोल से रद्दी लोहा और कंडक्टर विघटित करके एरिया स्टोर जबलपुर मे जमा करना था, पर ये भी नहीं किया गया।
- एल.टी. केबलिंग के कार्य मे उपयोग होने वाली सामग्री जैसे सस्पेंशन क्लैंप, डैड एंड क्लैंप, आई हुक, आई बोल्ट, पियारसिंग कनैक्टर इत्यादि सामाग्री का उपयोग ना के बराबर कर केबल को अत्यधिक जगह पोल से या पोल मे लगे रद्दी लोहे मे बांध दिया गया पूर्णत गलत है, पर बिल मे बिना संपादित सामाग्री को भी दिखाया गया और भुगतान प्राप्त किया ओर किया जारहा है।
- सबसे ज्यादा गुणवत्ताहीन कार्य उपभोक्ता मीटर मे किया गया, जिसमे ठेकेदार कंपनी द्वारा केवल मीटर, बोर्ड लगा कर उपभोक्ता से सर्विस केबल का राशि लेकर सर्विस केबल लगाई गयी, जिन उपभोक्ता ने केबल का मूल्य नहीं चुकाया उसका मीटर दीवार पर ठोक कर चले गए। अभी भी अत्यधिक मात्रा मे इनके लगाए हुए मीटर बंद है। केवल 10 प्रतिशत जगह ही इनके द्वारा मीटर के साथ सर्विस पाइप लगाई गयी पर भुगतान विभाग द्वारा पूरा लिया जा रहा है।
- साधारणतः एच.टी. और एल.टी. के हर पोल पर पोल नम्बरिंग, डेंजर बोर्ड और अंटीक्लिंबिंग डिवाइस लगाना था पर पहले कही लगाई नहीं पर मेरे द्वारा शिकायत करने पर अधीक्षण यंत्री द्वारा निरीक्षण करने पर सही पाया गया और उनके द्वारा आदेशित करने पर अभी लगभग 30% जगह किया गया।
- AB cable jointing kit और AB cable end cap 110 फीडेरों मे कही भी नहीं लगाया गया पर बिल के मापन मे दिखा कर भुगतान पूर्ण लिया गया।
III. संपादित कार्यो मे अनाधिकृत सामाग्री लगाना:-
- एल. टी. कार्य में उपयोग होने वाला सामान सिंगल फेज और थ्री फेज एल. टी. डिस्ट्रिब्यूशन बॉक्स 2500 नग और 100KVA डिस्ट्रिब्यूशन बाक्स 100 नग जिसकी अधिकृत डिस्पैच इंस्ट्रक्शन मेसर्स खंडेलवाल इलेक्ट्रिकल्स था पर पुराना खराब विधुत सामग्री बिना इनवॉइस, वितरण चालान के स्टोर में फर्जी तरीके से प्राप्त करके फीडरो के कार्य में अवैध तरीके से संपादित किया गया I ये अवैध सामाग्री सिवनी और छिंदवाड़ा के फीडर विभक्तिकरण योजना मे ठेकेदार के पास बचे हुए माल मे से मगवाया गया।
- ऐसी बहुत सी सामाग्री है जिनका विभाग से डिस्पैच इंस्ट्रक्शन लेकर वेंडरों से सेटिंग कर बिना माल मागवाए फर्जी इन्वाइस और चालान प्रस्तुत कर व्यापक स्तर पर भ्रस्टाचार किया गया। अभी तत्काल मे नोडल अधिकारी द्वारा बताया गया की 50 sqmm केबल अवैध रूप से ठेकेदार द्वारा माँगा कर उन फीडर मे संपादित किया जा रहा है जिनका ठेकेदार कंपनी द्वारा पूर्व मे ही बिल प्राप्त किया जा चुका है पर संघठन द्वारा शिकायत करने की वजह से मजबूरी मे वो बचा हुआ कार्य करना पड़ रहा है।
IV. संपादित कार्य से ज्यादा मापन दिखा कर उसका भुगतान प्राप्त करना:-
संघठन चुनौती के साथ सत्यापित करने के लिए तैयार है की इनके द्वारा हर फीडर के बिल मे केबल, कंडक्टर, मीटर और अन्य संबन्धित सामाग्री बढ़ा के ली गयी और ली जारही है, चूँकि कंपनी के मैनेजर और इंजीनियर ने मिल कर प्रचुर मात्रा मे केबल और कंडक्टर बेच दिया गया और समय आने पर संघठन उसे प्रमाणित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उसी के तहत मापन के समय दूसरी योजना मे हुए केबल और एच.टी. लाइन के कार्यो को अपना दिखा कर अत्यधिक मात्रा मे बिल किए जारहे है, प्राप्त सूचना फील्ड इंजीनियर योगेंद्र तिवारी और सूत्रो अनुसार ये सारा फर्जीवाड़ा का खेल नोडल अधिकारी आनंद सिंह बघेल और रेसिडेंट इंजीनियर स्वामी सरन के साथ मिल कर किया जा रहा है क्योकि फजीवाड़े के संबंध मे नोडल अधिकारी आनंद सिंह बघेल को जानकारी होने के बावजूद कोई एक्शन ना लेना ये साफ स्पष्ट करता है।
संघठन इस पत्र के साथ कुछ फीडरो के ओरिजिनल मेजरमेंट (मापन) कॉपी जो फील्ड इंजीनियर और साइट इंजीनियर द्वारा किए गए थे उनकी संलग्न करूँगा आप विभाग द्वारा उन फीडरो के भेजे गए बिल की पोल schedule से मिलान करवा के देख लीजिएगा तो दूध का दूध और पानी का पानी होजाएगा और यह सिद्ध होजाएगा की ठेकेदार कंपनी द्वारा लगभग 10-12 करोड़ का फर्जी भुगतान विभाग द्वारा प्राप्त किया गया।
दुखद यह भी है की ये योजना सरकार द्वारा अन्तराष्ट्रिय बैंक से ऋण लेकर संपादित कराया जारहा है पर विभाग के कुछ लचर अधिकारियों के कारण योजना अपूर्ण होने के बावजूद संपादित कार्य से ज्यादा का ठेकेदार कंपनी द्वारा भुगतान प्राप्त किया गया और जा रहा है।
V. Operational Acceptance सर्टिफिकेट और आर.एम.एस. पंचिंग के संबंध मे:-
उपरोक्त विषय अनुसार Operational Acceptance सर्टिफिकेट प्राप्त करने लिए घरेलू फीडर के लोड लॉस कैलक्युलेशन करना पड़ता है उसके लिए सर्व प्रथम घरेलू फीडर के हर डिस्ट्रिब्यूशन ट्रान्स्फ़ोर्मर मे एल.टी.टी.वी.एम मीटर लगाना उसको चालू कर ट्रान्स्फ़ोर्मर से कन्नेक्टेड सारे उपभोक्ता मीटर चालू होने के उपरान्त कंजूमर इंडेक्सिंग कर आर.एम.एस. मे फीड करने के बाद तीन महीने की सीएमआरआई से रीडिंग ले कर लॉस निकलने के उपरान्त ही Operational acceptance certificate प्राप्त किया जा सकता है।
परन्तु ठेकेदार कंपनी द्वारा अभी तक घरेलू फीडर के डिस्ट्रिब्यूशन ट्रान्स्फ़ोर्मर मे एलटीटीवीएम मीटर ही नहीं लगा और कुछ जगह लगने के बावजूद मीटर अभी तक चालू ही नहीं है।
आरएमएस मे पूर्ण रूप से नियंत्रण नोडल अधिकारी का होता है उसके बावजूद फर्जी लॉस कैलक्युलेशन शीट लगा कर Operational acceptance certificate प्रदाय किए जारहे है।
VI. Extension of Time (EOT):-
उपरोक्त विषय अनुसार योजना से जुड़े सारे कार्य अनुबंधित समय सीमा मे पूर्ण करना होता है, अन्यथा ठेकेदार कंपनी की एल.डी. कटेगी या योजना को टर्मिनेट करने का प्रावधान रहता है, पर अधीक्षण यंत्री ठेकेदार से मोटी रकम लेकर Extension of Time दे कर करोड़ का फायदा पहुंचाता है, जैसे इस पत्र के शुरुआत मे ही उल्लेखित किया गया है की ठेकेदार कंपनी समय पर सामाग्री जुटाने मे असमर्थ थी और बहुत सारे पेटी मे कार्य कर रहे ठेकेदार का भुगतान करने मे असमर्थता होने की वजह से इनकी योजना पूर्ण होने मे देर हुई, और यहा तक योजना का कार्य संपादित करने के लिए विभाग द्वारा अत्याधिक मात्रा मे सामाग्री उपलब्ध कराई गई। इससे ये सुनिश्चित होजाता है की ठेकेदार कंपनी Extension of Time के लिए पात्र नहीं है और इनके द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़ा को मद्दे नजर रखते हुए कंपनी का कांट्रैक्ट निरस्त कर terminate करते हुए इनकी बैंक गारंटी सीज की जाए।
जैसे की नरसिंहपुर के संबन्धित D/C के अधिकारी और टेक्निकल स्टाफ द्वारा संघठन को बताया गया की फीडर विभक्तिकरण योजना अंतर्गत फीडर की प्रस्तावित BOQ और कार्य की जानकारी जैसे कौनसे ग्राम मे, कौनसे फीडर मे एच.टी. का कितना कार्य एल.टी. का कितना कार्य प्रस्तावित है जिससे उनके द्वारा भी कार्य की समीक्षा कर के कही छूटे हुए कार्य की सूचना संबन्धित नोडल अधिकारी या अधीक्षण यंत्री को दी जा सके पर ठेकेदार कंपनी द्वारा चतुराई दिखाते हुए प्रस्तावित BOQ मांगकर्ता को कभी उपलब्ध नहीं कराई गई, इस विषय मे नोडल अधिकारी आनंद सिंह बघेल को दी गई परन्तु वो सर्कल ऑफिस के कार्यपालन अभियंता होने कारण पद का लाभ उठाते हुए उनके द्वारा मागी गई जानकारी को अनसुना कर दिया गया।
संघठन आपको बताना चाहता है की फीडर विभतीकरण योजना अंतर्गत 11 केवी लाइन के दो फीडर संचालित करना था एक घरेलू लोड के लिए और एक कृषि लोड के लिए और बचे हुए उपभोक्ता मीटर लगा के लोड और विधुत लॉस कम करने का प्रावधान था। पर इन सब की अनदेखी करते हुए बहुतायत मे फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण बिन्दु:- आरटीआई के माध्यम से मागी गयी जानकारी देने मे विभाग द्वारा आना कानी की जरही है, और अभी तक माँगी गयी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गयी।)