नई दिल्ली: सोशल मीडिया दुनिया को एक हैरतअंगेज और डरावनी घटना ने हिला दिया है। पिछले एक हफ्ते में भारत के 5 अलग-अलग राज्यों से 12 यूजर्स की रहस्यमय मौत हो गई, और सभी के फेसबुक प्रोफाइल पर उनकी मौत से ठीक 24 घंटे पहले एक “डेथ पोस्ट” आया था। ये पोस्ट्स, जो खुद यूजर्स की प्रोफाइल से ऑटो-जेनरेट हुए थे, में उनकी अपनी फोटो के साथ RIP मैसेज लिखा था। साइबर क्राइम विभाग ने इसे “डिजिटल करंट” का नाम दिया है, जबकि लोग इसे “फेसबुक का श्राप” कह रहे हैं।
क्या है पूरा मामला? डेथ पोस्ट्स का डरावना पैटर्न
पहला केस केरल के कोच्चि से सामने आया, जहां 24 वर्षीय आर्ट स्टूडेंट अनामिका मेनन की बेडरूम में मौत पाई गई। उसके फेसबुक प्रोफाइल पर उसकी ही एक ब्लैक-एंड-व्हाइट फोटो के साथ पोस्ट था: “RIP अनामिका, तुम्हारी आत्मा अब शांत होगी।” हैरानी की बात यह थी कि यह पोस्ट उसके डिवाइस लॉग के अनुसार रात 3:17 AM पर अपलोड हुआ था, जबकि उसकी मौत सुबह 7 बजे हुई थी।
इसके बाद, महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और असम से ऐसी ही रिपोर्ट्स आईं। सभी पीड़ितों की उम्र 18 से 35 साल के बीच थी, और सभी के प्रोफाइल पर एक जैसा टेम्प्लेट इस्तेमाल हुआ था:
- यूजर की बचपन की फोटो
- काले रंग की बैकग्राउंड
- “RIP [नाम]” के साथ एक कैप्शन
- पोस्ट लोकेशन: “द फ्यूचर”
साइबर पुलिस का खुलासा: “ये AI और डार्क वेब का नेटवर्क है”
दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच के SP राजीव चौधरी ने बताया कि ये पोस्ट्स किसी ऑटोमेटेड AI टूल के जरिए डाली जा रही हैं। उन्होंने कहा, “हमने पाया कि ये पोस्ट्स फेसबुक के सर्वर से नहीं, बल्कि एक Ghost VPN के जरिए अपलोड की गईं। हैकर्स ने यूजर्स के डेटा को डार्क वेब पर खरीदा होगा।”
हालांकि, सबसे डरावना पहलू यह है कि मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट्स में सभी पीड़ितों के शरीर में कोई जहर या चोट नहीं मिली। फॉरेंसिक टीम ने इसे “साइकोसोमैटिक हार्ट फेल्योर” बताया है, यानी डर के मारे दिल का दौरा।
एक्सपर्ट्स की राय: क्या यह मनोवैज्ञानिक हमला है?
मनोचिकित्सक डॉ. तनुजा रेड्डी का मानना है कि यह एक मास साइकोलॉजिकल एक्सपेरिमेंट हो सकता है। उन्होंने कहा, “जब कोई व्यक्ति अपनी मौत की भविष्यवाणी पढ़ता है, तो उसके दिमाग में नोसीबो इफेक्ट होता है। यह एक सेल्फ-फुलफिलिंग प्रोफेसी है, जहां शख्स अपने डर से मर जाता है।”
वहीं, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अर्णब दास ने चेतावनी दी: “यह हैकर्स का नया तरीका है। वे AI का इस्तेमाल करके यूजर्स की मेंटल प्रोफाइल बनाते हैं और उन्हें टार्गेट करते हैं। अगर आपके प्रोफाइल पर ऐसी पोस्ट आए, तो तुरंत अकाउंट डिलीट करें।”
सोशल मीडिया पर बवाल: “हम नहीं चाहते दूसरा फेसबुक श्राप!”
इस घटना के बाद #DeleteFacebook और #DigitalCurse ट्रेंड कर रहे हैं। कई यूजर्स ने अपने अकाउंट्स डिलीट कर दिए हैं, जबकि कुछ ने मीम्स बनाकर मजाक उड़ाया:
- “फेसबुक अब जिंदगी से पहले ही डेथ अपडेट्स देने लगा!”
- “Zuckerberg की AI ने कहा—’मेटावर्स में मरने पर 50% डिस्काउंट!'”
वहीं, मेटा कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है: “हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। यूजर्स से अनुरोध है कि वे किसी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।”
क्या है समाधान? साइबर एक्सपर्ट्स के सुझाव
- प्रोफाइल प्राइवेसी सेटिंग्स को स्ट्रिक्ट करें।
- किसी भी अनजान टैग या मेंशन को इग्नोर करें।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करें।
- अगर कोई “डेथ पोस्ट” दिखे, तो तुरंत स्क्रीनशॉट लेकर साइबर सेल को रिपोर्ट करें।
निष्कर्ष
यह घटना हमें याद दिलाती है कि AI और डेटा का गलत इस्तेमाल कितना खतरनाक हो सकता है। अगर समय रहते इस “डिजिटल महामारी” पर काबू नहीं पाया गया, तो यह और विकराल रूप ले सकती है। फिलहाल, सवाल यही है: क्या आपकी प्रोफाइल पर अगला डेथ पोस्ट आएगा?
FAQs
1. क्या यह घटना सच है?
नहीं, यह काल्पनिक लेख AI प्रैक्टिस के लिए बनाया गया है।
2. फेसबुक पर डेथ पोस्ट कैसे आते हैं?
साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, हैकर्स AI और डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं।
3. क्या मेटा कंपनी ने कोई एक्शन लिया?
काल्पनिक लेख में मेटा ने जांच का वादा किया है।
4. ऐसी पोस्ट आने पर क्या करें?
तुरंत प्रोफाइल को प्राइवेट करें और साइबर सेल को सूचित करें।
5. क्या यह AI का भविष्य है?
AI का दुरुपयोग भविष्य के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।