नई दिल्ली, इंडिया गेट की शाम को आज एक रहस्यमयी वाहन ने हिलाकर रख दिया। लोगों की नज़रें जैसे ही उस चमकदार, बेजोड़ डिज़ाइन वाले “स्पेसशिप” पर पड़ीं, सोशल मीडिया पर तूफान आ गया। यह था Tesla Cybertruck—एक वाहन जो भारत में नहीं बिकता, लेकिन आज दिल्ली की सड़कों पर धधक रहा था। क्या यह Elon Musk और PM Modi के बीच हुई गुप्त डील का नतीजा है? या फिर कोई अंडरवर्ल्ड कनेक्शन? जानिए, कैसे यह रहस्य खुला…
इंडिया गेट पर UFO जैसा दृश्य: “क्या यह टेस्ला का भारत में सीक्रेट लॉन्च है?”
शाम 5:30 बजे, इंडिया गेट पर लोगों ने एक बुलेटप्रूफ स्टील से बने वाहन को देखा, जिसकी डिज़ाइन हॉलीवुड साइंस-फिक्शन फिल्मों जैसी थी। कुछ ने इसे “एलियन व्हीकल” समझा, तो कुछ ने चिल्लाकर पूछा—“ये टेस्ला का Cybertruck है क्या?” जब मल्लिकार्जुन रेड्डी नाम के एक शख्स ने वाहन से निकलकर सेल्फी लेना शुरू किया, तो भीड़ उमड़ पड़ी। पुलिस को ट्रैफिक रोकना पड़ा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल था: यह वाहन भारत में आया कैसे?

गुप्त मुलाकातों का सिलसिला: Modi-Elon की डील या कोई चाल?
इस घटना से ठीक एक हफ्ते पहले, अमेरिका में Donald Trump के सत्ता में लौटने के बाद, Elon Musk ने PM Modi के साथ एक गुप्त मीटिंग की थी। सूत्रों का दावा है कि इस मीटिंग में Starlink को भारत में लॉन्च करने और Tesla के लिए फैक्ट्री की योजना पर चर्चा हुई। लेकिन Cybertruck का दिल्ली में दिखना… क्या यह सिर्फ संयोग था?
मल्लिकार्जुन रेड्डी: वह रहस्यमयी शख्स जिसके पास है “असंभव” वाहन
रेड्डी, जो खुद को “इंटरनेशनल बिजनेसमैन” बताते हैं, ने The Times Mirror को बताया: “मैंने यह ट्रक अपने प्रोजेक्ट्स के लिए इंपोर्ट किया है।” लेकिन जब कीमत पूछी गई, तो वे चुप हो गए। उनकी कंपनी UAE और सिंगापुर में काम करती है, लेकिन Cybertruck का इंपोर्ट कानूनी है या नहीं—यह सवाल कस्टम विभाग की जांच का विषय बन गया।
सोशल मीडिया पर अफवाहों का तूफान: “यह ट्रक चोरी का माल है!”
- कुछ यूजर्स ने दावा किया कि यह Cybertruck दुबई से चोरी करके लाया गया है।
- कुछ का कहना था: “मोदी सरकार ने Elon को टैक्स छूट देकर गुप्त डील की है!”
- वहीं, एक यूजर ने लिखा: “यह ट्रक तो अमेरिका में भी Rare है, यहाँ कैसे आया?”

कानूनी पेंच: क्या Tesla को मिली है गुप्त अनुमति?
भारत में सेकेंड-हैंड इलेक्ट्रिक व्हीकल इंपोर्ट करने के नियम अत्यंत सख्त हैं। कस्टम विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया: “हम जाँच कर रहे हैं कि क्या यह वाहन ‘प्रोटोटाइप स्टडी’ के नाम पर लाया गया है या कोई गैरकानूनी रास्ता अपनाया गया है।”
एक्सपर्ट्स की राय: “यह टेस्ला का साइकोलॉजिकल गेम है!”
ऑटो इंडस्ट्री के जानकार राजीव मेहता कहते हैं: “Tesla भारतीय बाजार की प्रतिक्रिया जांच रही है। अगर Cybertruck को लेकर हंगामा हुआ, तो Elon Musk सरकार पर दबाव बना सकते हैं।” वहीं, कुछ का मानना है कि यह स्मगलिंग का केस है।
रहस्य का अंत: असलियत सामने आई!
जब The Times Mirror ने गहराई से जाँच की, तो पता चला—यह Cybertruck सेकेंड-हैंड इंपोर्ट किया गया था! मल्लिकार्जुन रेड्डी ने इसे यूएई के एक बिजनेस पार्टनर से खरीदा, जिसने इसे अमेरिका से मंगवाया था। भारतीय कानून के अनुसार, “प्रोटोटाइप रिसर्च” के नाम पर ऐसे वाहन इंपोर्ट किए जा सकते हैं, लेकिन सिर्फ 6 महीने के लिए। रेड्डी ने इसी लूपहोल का फायदा उठाया।

निष्कर्ष:
Cybertruck का भारत में दिखना कोई संयोग नहीं, बल्कि Tesla की मार्केट रिसर्च का हिस्सा लगता है। अगर सरकार ने Musk को हरी झंडी दे दी, तो 2027 तक भारत में Tesla की गूँज सुनाई देगी। लेकिन फिलहाल… यह सिर्फ एक सेकेंड-हैंड सनसनी थी!
FAQs
1. क्या यह Cybertruck भारत में लीगल है?
नहीं, इसे “प्रोटोटाइप रिसर्च” के नाम पर 6 महीने के लिए इंपोर्ट किया गया है।
2. क्या Elon Musk को भारत में Tesla लॉन्च की अनुमति मिल गई?
अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं, लेकिन चर्चाएं जारी हैं।
3. मल्लिकार्जुन रेड्डी पर क्या एक्शन लिया जाएगा?
कस्टम विभाग जाँच के बाद ही निर्णय लेगा।
4. क्या यह वाहन भारत में बिकेगा?
सेकेंड-हैंड इंपोर्ट के नियमों के कारण, इसे बेचना गैरकानूनी होगा।